नमस्कार दोस्तों क्या इंसानियत जीत पाएगी कोरोनावायरस जैसे महामारी से इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या पूरे विश्व में 24,447 हो गई है और इन्फेक्टेड लोगो की संख्या 5,98,356 हो गई है।
इसमें सिर्फ भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया इस वायरस से परेशान हैं।अमेरिका जैसे सुपर पावर देश भी इस बीमारी के चपेट में हैं जहां पर लाखों लोग इसके घेरे में आ गए हैं और यहां मरने वाले लोगों की संख्या 1698 के करीब पहुंच गई है। दोस्तों आज हमे यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या हमारी ही गलती है इसमें या कुछ लोगों का कहना है कि इसमें चाइना का बहुत बड़ा हाथ है। चाइना का कहना है की इसमें अमेरिकी सेना का हाथ है दोस्तों यह सोचने वाली बात है क्या इंसान ने ही इसको बनाकर इंसानियत को खत्म करने का एक जहरीली साजिश रची है या वन्यजीव वन संपदा को नष्ट करने का या प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का यह प्रकृति ने हमें सजा दी है जिसका अभी तक कोई वैक्सीन या कोई टीका नहीं बना पा रहा है|
दक्षिण कोरिया ने साल 2018 में ही कोरोना वायरस का जिक्र किया था।
हम आपको नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध एक दक्षिण कोरियाई वेब सीरीज के बारे में बताना चाहते हैं। ये सीरीज़ 2018 में आई थी, हालांकि भारत में ये सीरिज़ उपलब्ध नहीं है।आपको बता दें, 2018 में रिलीज हुई इस दक्षिण कोरियाई वेब सीरीज ‘माय सीक्रेट टेरियस‘ के 10 एपिसोड में इस कोरोना वायरस का जिक्र किया गया है। जिसमें कोरोना वायरस को एक सीक्रेट हथियार के तौर पर विकसित किए जाने का जिक्र है। निश्चित तौर पर इस वेब सीरीज का एक सीन देख कर कोई भी ये सोचने को मजबूर हो जाएगा कि क्या सचमुच चीन ने दुनिया को तबाही की आग में ढकेलने की खातिर इसे एक सीक्रेट हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया?
‘माय सीक्रेट टेरियस‘ का स्क्रीन शॉट
क्योंकि इवेब सीरीज में ही 11 साल पहले ही चीन से शुरू हुई ऐसी ही महामारी की कहानी दिखाई गई है। इस वायरस को एक बायोकैमिकल आतंकी हमला का जरिया भी बताया गया है। ये पहला सबूत नहीं हो जो चीन की नापाक साजिश को बेपर्दा करता दिखाई दे रहा है। पहले भी इस प्रकार के दावे सामने आते रहे हैं। आपको ऐसे ही कुछ दावों से रूबरू करवाते हैं। हाल ही में 2011 में आई एक फिल्म Contagion की भी बहुत चर्चा हो रही हैं। चीन कोरोना को लेकर दुनिया के सामने बहुत कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसकी सच्चाई ज्यादा दिनों तक छिप नहीं पाएगी। कोरोना वायरस पर चीन के डॉक्टर ली वेनलियांग के बाद अब और एक डॉक्टर ने भी चीन की पोल खोलकर रख दी है। वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल की इमरजेंसी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉक्टर आई फेन ने चीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि “चीन के सरकारी अधिकारियों ने मुझे धमकी दी थी कि अगर किसी को इस वायरस के बारे में बताया तो अंजाम बुरा होगा। कोरोना वायरस को लेकर दावा है कि ये वायरस वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरसलॉजी’ से लीक हुआ, जो अब पूरी दुनिया में फैल गया है। हालांकि, चीन का दावा है कि ये वायरस मानव निर्मित नहीं है। अगर चीन का दावा सच है तो चीन के डॉक्टर अपनी ही सरकार पर सवाल क्यों उठा रहे है। डॉक्टर आई फेन ने दुनिया को ये भी बताया कि “मुझे यह पता होता कि ये वायरस इतने लोगों की जान ले लेगा तो मैं चुप नहीं बैठती। मैं पूरी दुनिया को ये बात बताती। जिस भी माध्यम से कह पाती मैं ये जानकारी सभी को देती। फिर चाहे मुझे कोई जेल में ही क्यों न डाल कर मौत की सजा दे देता
डॉ फेन का यह इंटरव्यू रेनवू ने अपनी साइट से हटा दिया है। चीन की सोशल मीडिया से भी डॉ फेन का इंटरव्यू गायब हो गया है। डॉ आई फेन से पहले वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के डॉक्टर ली वेनलियांग ने भी कोरोना वायरस के बारे में सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन उन्हें भी धमकी दी गई थी। बाद में डॉक्टर ली की कोरोना वायरस से ही मौत हो गई थी।
चीन के खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने तो यहां तक दावा किया था कि डॉ ली की मौत कोरोना नहीं बल्कि उनकी हत्या चीनी सेना ने की थी। उस अधिकारी का भी दावा था कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से ही निकला है। कोरोना वायरस पर सच्चाई क्या है ये किसी को नहीं मालूम, फिलहाल चीन से शुरू हुआ कोरोना अब दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। तो दोस्तों आपको ये भी बताना जरूरी है कि इस वायरस से 60 % ज्यादा मजबूत इबोला वाइरस था। इतना कमजोर होकर भी पूरी दुनिया को हिला डाला इस वाइरस ने।
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