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फलों और दैनिक मशालों के सही उपयोग से कई बीमारियाँ हो जाती है जड़ से खत्म आप भी जानिए
दोस्तों सबसे पहले बात करते है आंवले की आंवला कुदरत की तरफ से मनुष्य को दिया गया अनमोल उपहार हैं। इसके सेवन से शरीर में पैदा हो रही कई सारी बिमारियों का खात्मा हो जाता हैं। इसी तरह इस आंवले से इसका जूस भी निकाला जाता हैं। क्या आपको पता हैं रोजाना सुबह आंवला जूस पीने से स्वास्थ्य को कितने ज्यादा लाभ होते हैं? आमलॉ में मौजूद तत्व पेट में होने वाली गैस, एसिड की परेशानी दूर करते है, इसके खाने से दिमाग तेज होता है, दिल व फेफड़े मजबूत होते है, स्किन की परेशानी दूर होती है, शरीर से विषेले पदार्थ निकल जाते है, बालों को बढ़ाने अदि मे यह बहुत लाभकारी है| इसके अलावा भी आवला के बहुत से फायदे होते है।आंवले का घरेलू प्रयोग
* हिचकी: आंवला, कैथ का गूदा, छोटी पीपर का चूर्ण, शहद से चटाएं तो हिचकियां मिट जाएंगी
* अजीर्ण: ताजा आंवला, अदरक, हरा धनिया मिलाकर चटनी बनावें इसमें सेंधा नमक, काला नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च मिला चटावें। डकारें आएंगी, भूख खुलेगी, हाजमा बढ़ेगा
* स्त्रियों का बहुमूत्र: आंवले का रस, पका हुआ केले का गूदा, शहद व मिश्री चारों मिलाकर चटाएं तत्काल लाभ होगा
* मूत्र कष्ट: आंवले का 25 ग्राम ताजा रस, छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण कर पिलाएं तत्काल लाभ होगा।
* बवासीर: आंवले पीस कर पीठी को मिट्टी के बर्तन में लेप कर दें। इसमें गाय की ताजा छाछ भर रोगी को पिलाएं तत्काल लाभ होगा।
* अतिसार: कच्चा आंवला पीस कर रोगी की नाभि के चारों ओर कटोरी जैसी बनाकर इस नाभि में अदरक का रस भर दें इससे अद्भुद फायदा होगा।
* मुंह के छाले और घाव: आंवले के पत्तों के काढे से दिन में 2 से 3 बार कुल्ले कराएं तत्काल लाभ होगा।
* नेत्रों के रोग: आंवला छिलका दरदरा कूट कर पानी में भिगोकर रखें। इसे कपड़े से साफ छान कर दिन में तीन बार 2-2 बूंद आंखों में टपकाएं तत्काल लाभ होगा।
* श्वेत प्रदर: आंवले की गुठली फोड़ कर निकाले बीजों का चूर्ण पानी से पीस कर शहद व मिश्री मिला पिलाएं तत्काल लाभ होगा।
काली मिर्च के औषधीय गुण
- जुकाम होने पर काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीएं। यदि जुकाम बार-बार होता है, अक्सर छीकें आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाए फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं। इस तरह जुकाम एक माह में समाप्त हो जाएगा।
- खांसी होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटें। खांसी दूर हो जाएगी।
- गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस डालकर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
- काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण खत्म हो जाएगा।
- काली मिर्च को घी में बारीक पीसकर लेप करने से दाद-फोड़ा, फुंसी आदि रोग दूर हो जाते हैं।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हैं तो काली मिर्च को किशमिश के साथ 2-3 बार चबाकर खा जाएं। एक गिलास छाछ में थोड़ी सा काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- दांतों में होने वाले रोग पायरिया से परेशान हैं और दांत कमजोर हैं तो काली मिर्च को नमक के साथ मिलाकर दांतों पर लगाएं, जल्द ही लाभ होगा।
- गठिया के रोगियों के लिए भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है। काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें। उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में आराम मिलेगा।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पांच साबुत दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज में लाभ मिलता है।
- पानी में तुलसी, काली मिर्च, अदरक लौंग और इलाइची के साथ उबाल कर इसकी चाय बना कर पीने से जुखाम व बुखार में लाभ होता है.
- काली मिर्च को किशमिश के साथ मिला कर 2 से 3 बार चबा कर खाने से पेट के कीडे दूर होते हैं. छाछ में काली मिर्च पाउडर मिला कर पीने से पेट के कीडे मर जाते हैं.
- नींबू के टुकडों से बीज निकालकर इसमें पिसा काला नमक और काली मिर्च पाउडर भर कर गर्म कर के चूसने से बदहजमी में लाभ मिलता है. एक कप गर्म पानी में ३-४ पिसी काली मिर्च के साथ नींबू का रस मिला कर पीने से गैस की शिकायत दूर होती है.
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें। इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में भी अद्भुद तरीके से लाभ देती है।
एलोवेरा एक औषधि
एलोवेरा एक औषधि के रूप में जानी जाती है। इसका उपयोग हम प्रचीन काल से ही करते आ रहें हैं। क्योंकि यह एक संजीवनी बूटी की तरह कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है। दिखने में हरा और किनारे की ओर कांटेदार आकृति लिए हुए यह एलोवेरा संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है। इसके कई नाम है जैसे-ग्वारपाठा, धृतकुमारी। बहुत से फायदों की वजह से इसे चमत्कारी पौधा भी कहते है। एलोवेरा की २०० से अधिक प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है। एलोवेरा के पौधे में रस सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एलोवेरा के रस में कई रासायनिक तत्वों के गुण भी पाए जाते हैं जैसे 18 अमीनो एसिड ,12 विटामिन और 20 खनिज पाए जाते है। इसके अलावा कई अन्य यौगिक तत्व भी इसमें पाए जाते हैं।
एलोवेरा के पोषण का महत्व
एक औषधि के रूप में उपयोग में लाए जाने वाला यह एलोवेरा कई पोष्टिक तत्वों से भरा पड़ा है। इनमें 12 विटामिन, 18 अमीनो एसिड, 20 खनिज, 75 पोषक तत्व और 200 सक्रिय एंजाइम शामिल हैं। इसके अलावा कई रासायनिक गुण खनिज कैल्शियम, जस्ता, तांबा, पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसमें विटामिन के गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन बी 12, बी 6, बी 2, बी 1, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 6, नियासिन और फॉलिक एसिड शामिल है। इसके उपचार से हमें कई साकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।
शारीरिक उपचार हेतु एलोवेरा के फायदे
•एडॉप्टोजेन – एडॉप्टोजेन मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और वातावरण में होने वाले बदलावों के प्रभाव को तेजी से शरीर में ढालता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बदलते हुए खान-पान का असर सीधे हमारी हेल्थ पर पड़ता है। एलोवेरा में पाए जाने वाले पॉलिसैचेराइड्स, वायरस से लड़कर कई प्रकार की बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखते हैं। एलोवेरा का जूस आपके शरीर को तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। इसके अलावा आपको बीमारी से बचाने में सहायक तो होता ही है। साथ ही मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
•पाचन क्रिया में सहायक – आपने हमेशा पेट में गैस बनना और खाने के न पचने की समस्यां के बारे में तो सुना ही होगा। हमारे शरीर में पेट संबंधी कोई भी बीमारी हो तो आप 20 ग्राम एलोवेरा के रस में शहद और नींबू मिलाकर सेवन करें। यह पेट की बीमारी को दूर तो करता ही है। साथ ही साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।
•कब्ज़ की समस्यां – यह समस्यां हमें अक्सर सुनने को मिलती है। यह समस्यां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस रोग को दूर करने के लिए एलोवेरा के रस का सेवन करने से बहुत ज्यादा फायदा होता है। छोटे बच्चों में कब्ज के लिए जूस व हींग मिलाकर नाभि के चारों ओर लगा दें, इससे लाभ मिलेगा। इसके अलावा यकृत मे बड़ रही सूजन में इसके गुदे का सेवन सुबह-शाम करने से यकृत की कार्यक्षमता बढती है। इससे पीलिया रोग भी दूर होता है।
•इम्युनी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक प्रणाली) – एलोवेरा पौधे के रस में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। क्योंकि इसमें रोग प्रतिरोधक तत्व मौजूद होतें हैं। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।
•ह्रदय रोग और मोटापा – आज की सबसे जटिल समस्यां हमारे शरीर में बढ़ता मोटापा है। जो ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण बनती है। मोटापे से शरीर में तेजी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होता है। ऐसी स्थिति में एलोवेरा का रस बेहद फायदेमंद होता है। एलोवेरा जूस रोजाना 20मिली-30मिली की मात्रा में पीने से शरीर में अन्दर से भरपूर तन्दुरूस्ती तथा ताजगी का अहसास होता है तथा ऊर्जा का उच्च स्तर बना रहता है। इससे वजन भी शरीर के अनुकूल रहता है।
•रियूमाटोईड अर्थरोइटिस (संधिशोथ) – यह रोग काफी दर्दनाक होता है। इसमें रोगी के हाथ, पैर जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। साथ जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया रोग भी कहते हैं। जिसका सही इलाज एलोवेरा में पाया गया है। पहले इसके दो फांक कर इसमें हल्दी भरकर हल्का गर्म कर लें और प्रभावित भाग पर लगातार पट्टी लगायें ऐसा आप लगातार 10 से 15 दिनों तक करें। गठिया, जोड़ो में दर्द, मोच या सूजन में काफी राहत मिलेगी। जोड़ो के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करें और प्रभावित जोड़ो पर लगाने से विशेष फायदा होता है
•वजन कम करना – अपने वजन को कम करने में भी एलोवेरा का उपयोग किया जाता है। एलोवेरा के जूस को हल्का गुनगुना कर के एक नीबू दाल लें फिर उसे दिन में दो बार सुबह और शाम को लें सिर्फ एक महीने में आपके वजन में अविश्वसनीय बदलाव होंगे।
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देशी चना
देशी चना न्यूट्रिएंट्स के मामले में बादाम जैसे महंगे ड्राय फ्रूट्स से ज्यादा फायदेमंद होता है। भिगोए हुए चने में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल और विटामिन्स खूब होते हैं जो कई बीमारियों से बचाव के साथ-साथ हेल्दी रहने में भी हेल्पफुल होते हैं। वैसे तो हर व्यक्ति के लिए चने खाने के अपने फायदे हैं, लेकिन खासकर पुरुषाें को तो ये जरूर खाने चाहिए लेकिन दोस्तों अगर आपका छान खाने का तरीका नहीं सही है तो जल्दी फायदा नहीं करेगा।
खाने का सही तरीका…
मुट्ठी भर चने लेकर साफ कर लें। इन्हें साफ मिट्टी या चीनी मिट्टी के बर्तन में डालकर ऊपर से इतना साफ पानी डालें कि चने पूरी तरह भीग जाए। रात भर चनों को इस पानी में भीगे रहने दें। सुबह चने निकालकर अच्छे से चबा-चबाकर खाएं। चाहें तो चने का पानी भी छानकर पी सकते हैं। इससे फायदा दोगुना हो जाएगा।
रोज सुबह भीगे हुए चने खाने के फायदे
1. ताकत और एनर्जी – भीगे चने ताकत और एनर्जी का बहुत बड़ा सोर्स हैं। रेग्युलर खाने से कमजोरी दूर होती है।
2. कब्ज़ से राहत – भिगोए हुए चने में ढेर सारे फाइबर्स होते हैं। ये पेट को साफ़ करते है और डाइजेशन बेहतर करते हैं।
3. बढ़ेगा स्पर्म काउंट – सुबह 1 चम्मच शक्कर के साथ मुट्ठी भर भीगे हुए चने खाने से स्पर्म काउंट बढ़ता है।
4. बढ़ेगी फर्टिलिटी – रोज़ सुबह मुट्ठी भर भीगे हुए चने शहद के साथ लेने से फर्टिलिटी बढ़ती है।
5. यूरिन प्रॉब्लम – भीगे चने के साथ गुड़ खाने से बार-बार यूरिन जाने की प्रॉब्लम ठीक हो जाती है। पाइल्स से भी राहत मिलती है।
6. हेल्दी स्किन – बगैर नमक डाले चबा-चबाकर खाने से स्किन हेल्दी और ग्लोइंग होती है। खुजली, रैशेज़, जैसी स्किन प्रॉब्लम दूर होती हैं।
7. बढ़ेगा वजन – चने बॉडी मास बढ़ने में भी हेल्पफुल हैं। रेग्युलर खाने से वजन बढ़ता है और मसल्स स्ट्रांग होती हैं।
8. सर्दी-जुकाम से बचाव – चने बॉडी की इम्युनिटी बढ़ाते हैं। इसे निया रूप से इस्तेमाल करने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से भी बचाव होता है।
दोस्तों कुछ नित्य क्रिया से आप अपने जीवन को स्वस्थ और सुदृण कर सकते है
1- भोजन से पहले पैर गीले करके भोजन करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है ।
2- प्रात:काल खाली पेट 8-10 तुलसी के पत्तो तथा 7 काली मिर्च के दाने लुगदी बनाकर निगलने से मलेरिया व हृदय रोग नहीं होता ।
3- सोते समय पैर उत्तर की ओर व सिर दक्षिण में रखनले से लम्बी उम्र होती है ।
4- खाने के पश्चात् गर्म पानी चाय की तरह घूंट-घूंट पीने से मोटापा कम होता है ।
5- कब्ज के रोगी को 10-15 मुनक्का दूध में उबालकर खाने से तथा वही दूध पीने से कब्ज दूर होता है ।
6- सबुह चुटकी भर चावल पानी के साथ निगलने से लीवर ठीक रहता है ।
7- मूत्र त्याग व शौच के समय दाँत भीचने से बुढ़ाने तक दाँत व मसूड़े ठीक रहते हैं ।
8- सौंफ व मिश्री 2-2 चम्मच छोटी खाने से नेत्र ज्योति में फायदा होता है ।
9- अर्जुन की छाल का पाउडर आधा चम्मच चाय की जगह लेने से 1 कप दूध बगैर चीनी की बनाकर पीने से ब्लड प्रेशर व हृदय रोग में फायदा होता है ।
10- विजय छार की लकड़ी का थोड़ा सा टुकड़ा रात को 1 गिलास पानी में डाल कर रखने से सुबह पानी पीने से शुगर में फायदा होता है । पहले लकड़ी को धो लें । 1 छोटा टुकड़ा उत्तम लकड़ी का 3-4 दिन चल जाता है । वैद्य से पूछ के ।
11- एक नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर रात को सोते समय पीने से 2-3 दिन में जुकाम ठीक हो जाता है ।
12- प्रतिदिन स्नान से पूर्व हाथ के दोनों अंगूठों पर सरसों का तेल मलने से नेत्र ज्योति वृद्धावस्था तक ठीक रहती है ।
13- प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर बिना मंजन किये प्रतिदिन (2-4 गिलास) रात को ताँबे के बर्तन में भरकर रखा हुआ पानी पी लें, उसके बाद आधा घंटे तक कुछ न खाये-पीयें । इस प्रयोग से मधुमेह हृदय रोग, कब्ज, बवासीर, टी.बी., स्त्री रोग एवं पेट के रोग धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं ।
14- बच्चों को पाँच गिरि बादाम को दूध में घिस कर देने से बुद्धि का विकास होगा एवं जुकाम, नजला न होगा ।
सफेद मुस्ली
सफेद मुस्ली (क्लोरोफिटम बोरेवियायनम), जिसे व्हाईट मुस्ली भी कहा जाता है, आयुर्वेद और हर्बल विज्ञान में प्रयोग किया जाने वाला एक शक्तिशाली कामोत्तेजक और स्ट्रिंग एडेडोजेनिक जड़ी बूटी है। परंपरागत रूप से यह गठिया, कैंसर, मधुमेह, जीवन शक्ति बढ़ाने और यौन प्रदर्शन में सुधार के लिए इस्तेमाल किया गया था। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए निर्धारित है जिनके कम शुक्राणुओं की संख्या और कम कामेच्छा है।आयुर्वेदिक अभ्यास में सफेद मुस्ली या क्लोरोफिटम बोरेवियायनम जड़ पाउडर का उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न आयुर्वेदिक योगों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है जिसमें मुस्ली पाक शामिल है। यह पुरुष कमजोरी, शारीरिक दुर्बलता, स्तंभन दोष, ऑलिगॉस्पर्मिया, रात का उत्सर्जन, आदि के उपचार में उपयोगी है।
सफेद मुस्ली के प्रमुख लाभ
1. थकान और कमजोरी के लिए: शक्कर (गन्ना ब्राउन शुगर) के साथ सफेद मुस्ली थकान को कम करने में मदद करता है और शरीर को ताकत देता है।
2. वजन बढ़ाने के लिए: आप वजन बढ़ाने के लिए दूध के साथ इसे ले सकते हैं।
3. अल्पशुक्राणुता के लिए: यह अल्पशुक्राणुता के उपचार के लिए बहुत उपयोगी है और गिनती, मात्रा, द्रवीकरण समय और गतिशीलता को बेहतर बनाता है। यह सीरम टेस्टोस्टेरोन का स्तर और वृषण कार्य भी सुधारता है।
4. स्वप्नदोष के इलाज के लिए: अगर रोगी रात में उत्सर्जन के बाद कमजोरी, पीठ दर्द और शक्ति या ऊर्जा की कमी महसूस करता है, तो शक्कर के साथ सफ़ेद मूसा पाउडर का कुछ हफ्तों तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह उपाय रात के उत्सर्जन की आवृत्ति कम करने और शरीर को पुनर्जन्म करने में मदद करता है।
5. स्तम्भन दोष के इलाज के लिए: यह लिंग ऊतक को ताकत प्रदान करता है, कठोरता में सुधार करता है, और लंबे समय तक उत्सर्जन को बनाए रखने में मदद करता है। यह मुख्य रूप से ताकत प्रदान करता है, टेस्टो पर कार्य करता है, हार्मोन प्रोफ़ाइल में सुधार करता है, और शुक्राणुजनन को प्रेरित करता है।
6. गठिया और संयुक्त दर्द के लिए: इसमे अनुत्तेजक गुण है, जो गठिया में होने वाली संयुक्त सूजन को कम करने में मदद करतें हैं।
7. मानसिक स्वास्थ्य: यह मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और तनाव और अवसाद का सामना करने में मदद करता है।
8. योनि सूखापन: महिलाओं के लिए यह जड़ीबूटी योनि सूखापन से छुटकारा पाने में मदद करती है।
9. माँ के दूध की गुणवत्ता: यह स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी उपयोगी है क्योंकि इससे दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है।
10. स्वास्थ्य पूरक: यह शरीर के निर्माण के लिए एक स्वास्थ्य पूरक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
(और पढ़ें :- कमर दर्द, घुटना दर्द और हड्डियों का दर्द कसम से रातोरात धुआँ हो जायेगा)
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