पोषक तत्वों के विभिन्न प्रकार – Poshak tatvo ke vibhinn prakar
पोषक तत्वों को सूक्ष्म पोषक तत्व और मैक्रोन्यूट्रिएंट् (बृहत और बड़े पोषक तत्व) दो प्रकार में विभाजित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को मैक्रोन्यूट्रिएंट कहा जाता है, क्योंकि वे बड़े होते हैं, और इनको ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। विटामिन और खनिजों को सूक्ष्म पोषक तत्व कहा जाता है क्योंकि अन्य पोषक तत्वों की तुलना में यह बहुत छोटे होते हैं। इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि वह शरीर के लिए कम महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर को बेहद कम मात्रा में इसकी आवश्यकता होती है।
सूक्ष्म पोषक तत्वों को पानी और वसा में घुलने के आधार पर बाटा जाता है। विटामिन ए, डी, ई, और विटामिन के वसा में घुलनशील होते हैं, जबकि विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी पानी में घुलनशील होते हैं। इसके अलावा खनिज व्यक्ति के शरीर की आवश्यकता के आधार पर वर्गीकृत किये जाते हैं।
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पोषक तत्वों के विभिन्न फायदे – Poshak tatvo ke vibhinn fayde
पोषक तत्वों के अनेक फायदे होते हैं। प्रत्येक विटामिन और खनिज के अलावा अन्य पोषक तत्व शरीर में अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दिखाते हैं। फिलहाल पोषक तत्वों के कुछ मुख्य फायदो के बारे में नीचे विस्तार से समझाया जा रहा है।
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- ऊर्जा प्रदान करते हैं पोषक तत्व –
कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन मिलकर आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे आपके शरीर में होने वाली सभी जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को पूरा करने में मदद मिलती है। शारीरिक ऊर्जा को कैलोरी कहा जाता है। वसा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तुलना में अधिक कैलोरी होती है, एक ग्राम वसा से शरीर को 9 कैलोरी मिलती है, जबकि कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के दो ग्राम से चार कैलोरी प्राप्त होती है।
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- शरीर की बनावट के लिए जरूरी हैं पोषक तत्व –
वसा, प्रोटीन और मिनिरल्स साथ में मिलकर आपके शरीर के ऊतकों, अंगों, हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होती है। कार्बोहाइड्रेट को इसमें शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन आपके शरीर की अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट वसा में बदलकर एडिपोज ऊतक में एकत्रित हो जाता है।
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- शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं पोषक तत्व –
सभी तरह के पोषक तत्व आपके शरीर के सभी कार्य जैसे पसीना आना, तापमान, मेटाबॉलिज्म, ब्लड प्रेशर, थायराइड आदि को नियमित करने में सहायक होते हैं, जब आपके शरीर के सभी कार्य नियंत्रण में होते हैं तो उस स्थिति को हिमियोस्टेसिस कहा जाता है।
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पोषक तत्वों की अधिकता से दुष्प्रभाव – Poshak tatvo ki adhikta dushprabhav
पोषक तत्वों की अधिकता से आपके शरीर में कई तरह के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। पोषक तत्वों का एक निश्चित स्तर होता है, उससे कम या ज्यादा होने से इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं जिससे आपके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। पोषक तत्वों की अधिकता से होने वाले दुष्प्रभावों को निम्न प्रकार से बताया गया है —
- विटामिन बी 5 –
विटामिन बी 5 को अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको दस्त, सीने में जलन, डिहाइड्रेशन और जोड़ों में दर्द की समस्याएं हो सकती है। (और पढ़ें – जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय)
- विटामिनी बी 3 –
विटामिन बी 3 युक्त दवाओं के अधिक सेवन से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं, जिसमें आपको अनियमित दिल की धड़कन, खुजली, उल्टी, दस्त और गाउट होने की संभावनां होती हैं। (और पढ़ें – खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
- विटामिन बी 6 –
विटामिन बी 6 की अधिकता से आपकी त्वचा में घाव, अंगों का सुन्न होना, दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल होने की संभावनाएं बनी रहती है। (और पढ़ें – घाव ठीक करने के घरेलू उपाय)
- विटामिन बी 2 –
विटामिन बी 2 की अधिकता से आपके लिवर को नुकसान होता है। विटामिन बी 2 शरीर में सरंक्षित नहीं हो पाता है, इसलिए अपनी आवश्यकता के बाद बचे हुए विटामिन बी 2 को शरीर बाहर निकल जाता है।
- विटामिन बी 7 –
विटामिन बी 7 की मात्रा जब शरीर में बढ़ जाती है तो आपको रैशज, बार-बार पेशाबा आना, बैचेनी और अनिद्रा की समस्या हो सकती हैं।
- विटामिन बी 12 –
विटामिन बी 12 की अधिकता के मामले बेहद कम मिलते हैं, लेकिन इससे आपको लिवर की बीमारी, किडनी फेलियर, ब्लड कैंसर आदि होने की संभावानाएं होती हैं।
- विटामिन बी 9 –
विटामिन बी 9 को अधिक लेने से कुछ दुलर्भ मामलों में पेट की खराबी हो सकती है। (और पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- सेलेनियम –
सेलेनियम की अधिक मात्रा से आपको सांसों में दुर्गंध, त्वचा के रंग में बदलाव, बालों का झड़ना आदि कई समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें – बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)
- सिलिकॉन –
सिलिकॉन की अधिकता से आपकी किडनी में पथरी (किडनी स्टोन) बनने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसके अलावा सिलिका पाउडर जब आपकी सांसों से शरीर के अंदर जाता है तो इससे फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
- क्रोमियम –
क्रोमियम के अधिक सेवन से आपको पेट की समस्या, रक्त शुगर का कम होना, किडनी की परेशानी हो सकती हैं।
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