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Hindi Me Help Pao |
दोस्तों क्यों आज हिंदू समाज हासिये पर है?
दोस्तों आज के परिदृश्य को देख कर लगता है कि हिन्दू समाज हासिये पर खड़ा हो गया है। निहत्थे हिन्दू साधुओं की निर्मम हत्या को देख कर मेरा हृदय आकुल हो उठा, कब तक आखिर कब तक यह चलता रहेगा और निहत्थे हिन्दू शिकार होते रहेंगे ,दुख की बात यह भी है कि आज कोई नही है जो हिन्दुओ की आवाज़ बने जो हिंदुओं के लिए लड़े और उनका पक्ष रखे और ये सच है इसके दोषी स्वय हिन्दू ही है क्यों कि हम अपना फायदा देखते है हर मामले में, फायदे के लिए हम किसी हद तक जा सकते है क्यों कि हम बुद्धिमान ज्यादा है सोचने की क्षमता ज्यादा है और सायना कौवा गू खाता है यह कहावत तो सुनी होगी ,यही हुआ है हिन्दुओ के साथ अपने को ऊंचा दिखाने में दुसरो को नीचा दिखाते हैं। जिसका लोग फायदा लेते है। एक भीड़ ने न जाने कितने हिन्दुओ को काट डाला मार डाला जला डाला लेकिन एक आवाज़ नही उठी न उठायी गयी वही दूसरी तरफ सब एक हो गये क्यों कि वो जानते है की वो सही हो या गलत उन्हें अपनो का साथ देना है हर कीमत पर ,न जाने कितने सालो से चला आ रहा है क्यों हम चुप है, क्यों कि हम से क्या मतलब!
अरे अब तो आंखे खोलो जगो क्या हो रहा क्या किया जा रहा समझो पहचानो, क्या आपकी आत्मा कचोटती नही की जिस वस्त्र का हम सम्मान करते है या जिस देवता का हम सम्मान करते है उसे अपमानित किया जा रहा, क्या खून नही ख़ौलता? इस हिंदुस्तान में हिन्दुओ की ही कदर नही, विश्व में एक ही राष्ट्र बचा है हिन्दुओ के लिए कुछ तथाकथिक सेक्युलर इसे सराय बनाना चाहते है लेकिन हिन्दू फिर भी चुप है ,यही चुप्पी एक दिन तमाशा बन जाएगी।
लेकिन जाको राखे सांइया मार सके न कोई
जहां कुछ लोग सनातन धर्म का ह्रास करने में लगे है वही स्वयं प्रकृति सनातन धर्म का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है सनातन धर्म का एक एक कर्म कांड प्रकति का ध्यान रखता है वैसे ही आज प्रकति भी सनातन धर्म के प्रचार में अपना योगदान दे रही है। विश्व मे फैली एक वैश्विक महामारी ने सभी को वापस सनातन धर्म की ओर जाने के लिए दिशा निर्देश दिए है। आज पूरा विश्व हिंदू सनातन को मानने के लिए अपनाने के लिए सुझाव दे रहा है। आज हम जो भी अपना रहे है वो हमारे सनातन धर्म मे पहले से अपनाया जा चुका है, हाथ धोना, मास मदिरा का सेवन निषेध और नाना प्रकार के दैनिक जीवन मे उपयोग में जाये जानी वाली वस्तुएं इस महामारी में स्वयं की रक्षा के लिए सबसे उपयुक्त मानी जा रही है ,एक शोध में माना गया है कि भारतीयों में रोग प्रतिरोधक क्षमता सबसे ज्यादा होती है इसी कारण भारत मे इस महामारी का प्रकोप बहुत ही कम है। देश विदेश के लोग सनातन धर्म को मानने के लिए प्रतिबद्ध है उनका मानना है की सनातन धर्म मे जो नियम और कर्म है वो किसी भी प्रकार की जीवन शैली के लिए उपयुक्त है जो स्वयं की रक्षा का भी द्योतक है। मानना तो पड़ेगा प्रकति ने स्वयं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार का बीना उठाया है। जहां एक तरफ प्रकृति को विज्ञान से चुनौती देने वाले देश आज घुटनो पे आ गिरे सारी आधुनिकता धरी की धरी रह गयी। हर क्षेत्र में पैर पसार चुका विज्ञान किसी के काम नही आ रहा।काम आ रहा है तो सनातनी नियम कर्म अनुसाशन, लेकिन अभी भी हम सुधारने का नाम नही ले रहे हम वही गलती कर रहे जो हमने पहले की अपने धर्म का साथ छोड़कर आधुनिकता का रंग चाहे जितना रंगीला हो सनातनी भगवा ही सबसे प्यारा है, स्वयं प्रकृति इसका अभिवादन करती है।
पूरा विश्व सनातनी रंग में रंगने जा रहा है तो हम क्यों स्वयं पर शर्मिंदा हो! ये हमारे जीवन का ही हिस्सा है ,पूरा विश्व समझ गया है कि हर मुश्किल से लड़ने और संघर्ष का हर तरीका है सनातन धर्म, जीव से जीवों की रक्षा है सनातनी धर्म , इंसानियत का पाठ है सनातनी धर्म , सब धर्मों में विशेष है सनातनी धर्म , ईश्वर से अद्भुद तारतम्य का साधन है सनातनी धर्म , विषय वासनाओ से दूर है सनातनी धर्म , जियो और जीने दो की भावना से सन्निहित है सनातनी धर्म।
आओ हम सब इसे वापस से अपनाए और इसका प्रचार करे और भारत को विश्व गुरु बनाये
नितीश श्रीवास्तव
कायस्थ की कलम से
तो मित्रों ये थी हमारे सनातनी धर्म से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी, जिसे मैंने आपसे साझा की। ऐसे ही रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर निरंतर आते रहे और अपने दोस्तों ,परिवार वालों और सभी प्रियजनों तक भी ये महत्वपूर्ण जानकारी पहुचायें। धन्यवाद।
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