दोस्तों जहां पूरी दुनिया आज लॉकडाउन फेस कर रही है। आपके बाल से भी 500 गुना छोटा एक अदना सा वायरस ने पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था को लगभग लगभग खत्म कर दिया है। पूरा युग रिशेसन के मंदी की तरफ प्रवेश कर चुका है लेकिन फिर भी एक दुकान पूरे धड़ल्ले से चल रही है जमकर नोट छाप रही है क्या आप जानते हैं क्या बेचकर? डर, दहशत और नफरत इस रिसेशन के दौर में विज्ञापनों की मदद से जिन नोट छापने वाली दुकान आपके अपने घरों में सज रही है आपके टेलीविजन स्क्रीन पर। लेकिन दोस्तों यह सोचने वाली बात है कि देश के मीडिया हाउसेस क्या एक बार भी नहीं सोचते हैं इनकी दिखाई स्टोरीज और स्पेशल रिपोर्ट का का समाज पर क्या असर पड़ेगा? यह बस सनसनी बेचने की लत के शिकार हैं वैसे भी मुनाफा इन्हें डर और नफरत को बेचकर ही मिलता है। अच्छी खबरें विरले ही इनको मुनाफा देती होगीह।
आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें इनकी आपको बताएंगे जिससे आपको साबित हो जाएगा किस सनसनीखेज रिपोर्ट की जगह अगर जिम्मेदारी के साथ खबरें दिखाई जाती तो कोरोना नाम की इस महामारी से निपटने में कितना फर्क पड़ सकता था। पूरा देश जानता है कि चीन भारत के साथ एक जंग लड़ चुका है। दबी आवाज में चीन भारत का दुश्मन है और इसी तथ्य को इन मीडिया हाउसेस ने जमकर भुनाया। देश की जनता के मन में चीन को लेकर जो नफरत है उसे जमकर भुनाया इन मीडिया हाउसेस ने जब कोरोनावायरस चीन में अपने पैर पसार रहा था बजाय इसके इस बीमारी और इसके इनफेक्ट करने की क्षमता के फैलने के खतरे को बताने के इन मीडिया हाउसेस ने जमकर मजा लिया चीन का वहां के सिस्टम का अलग अलग एंगल से चीन के प्रति भारतीयों को उकसाया गया चीनी जनता क्या क्या खाती है चीनी गवर्नमेंट के तानाशाही सब कुछ भुनाया गया वहां पर हो रही भयंकर त्रासदी को टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया गया। खूब टीआरपी बटोरी गई लोगों ने भी खूब चटखारे लेकर चीन में हो रही घटनाओं को देखा और खुद मन ही मन में सोचा कि शुक्र है ऊपर वाले का कि हम चीन में नहीं है। हम तो भारत में रहते हैं। हमारे यहां तानाशाही नहीं बल्कि लोकतंत्र है डेमोक्रेसी है। हमारे कल्चर में जंगली जीवो को खाना वीभत्स माना जाता है।
सिर्फ इतना नहीं जब वहां के नागरिकों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए चीन की सरकार क्वारंटीन सेंटर में ले जाने की जद्दोजहद कर रही थी। जिन लोगों को घसीट घसीट कर घरों से निकाला जा रहा था जाहिर सी बात है महामारी के प्रभाव को रोकने के लिए ऐसे कदम उठाए जा रहे थे। उन्हीं वीडियोस को देश के न्यूज़ चैनलों ने इतनी बार चलाया कि पब्लिक को यह विश्वास हो गया किचन में केवल तानाशाही ही नहीं बल्कि क्रूर तानाशाही है। लेकिन देश की मीडिया ने यह जरा सा भी नहीं सोचा कि इस खबर के क्या मायने निकाले जाएंगे देश के चौक चौराहों पर। देश के हर एक व्यक्ति को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि किस तरह से जो कोरोना पॉजिटिव थे किस तरह से उन पर अत्याचार हो रहा है साथ ही यह भी खबर चलाई गई कि कोरोनावायरस के संदिग्धों को भी एक येसे क्वारांटीन सेंटर में जहां पर बहुत से संक्रमित मरीज हैं। लेकिन दोस्तों जहां एक बड़ी चूक हुई मीडिया हाउसेस से उन्होंने अपनी सनसनी बेचने की लत में एक गलती कर दी। अगर यह महामारी भारत में फैली तो क्या रवैया रहेगा यहां के लोगों का। देश के प्रधान सेवक ने खुद आवाहन किया कि किसी भी हाल में अफवाहों को ना माने लेकिन खुद प्रधान सेवक की बात देश ने नहीं मानी। जब को रोना देश में आया जो लोग विदेश से आए थे जाहिर सी बात है चीन के पास हूं विदेश जाने के लायक पैसे होंगे वह संभ्रांत परिवार से होंगे पढ़े लिखे होंगे दोस्तों उनके भी दिल में यह बात घर कर गई अगर मैंने विदेश से आने की बात शासन में बताइए प्रशासन को पता चला तो हमको एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में डाल देंगे और यही विदेशी यात्री अपने विदेश आने-जाने का ब्योरा छुपाने लगे भारतीय गवर्नमेंट को पुलिस सर्विसेज को मजबूरन उन लोगों की लिस्ट सर्कुलेट करनी पड़ी जो हाल ही में विदेश यात्रा से वापस भारत में आए थे और संभावित कोरोना संदिग्ध हो सकते थे। लोगों को घरों से उठाना पड़ा उनकी फैमिली इसको आइसोलेशन में डालना पड़ाउनके घरों के आगे पर्चियां लगानी पड़ी कि इस घर से दूरी बनाए रखें इसमें कोविड-19 यानी कोरोनावायरस का मरीज पाया गया है उन लोगों के लिए फाइंड एंड कैच का ऑर्डर तक जारी किया गया जो विदेश से वापस भारत में आए थे तू जरा सोच कर देखिए कि कितनी बड़ी गलती हुई है मीडिया हाउसेस से खबरों को गैर जिम्मेदारी से दिखाने की वजह से।मीडिया हाउसेस ने लोगों को दिखाया कि कैसे चीनी सरकार तानाशाही से लोगों को उनके घरों से उठा रही है वही डर भारत में आने वाले सभी भारतीयों के मन में बैठ गया जिससे वह इधर उधर छिपने लगे।दोस्तों आप ही बताइए क्या बुहान जैसी स्थिति भारत में नहीं हो गई है लोगों को जबरन नहीं पकड़ना पड़ रहा है बिल्कुल उसी तरीके से करना पड़ रहा है। दोस्तों आप बताइए किस हिंदी या इंग्लिश न्यूज़ नेटवर्क चैनल पर प्रसारित किया गया की आप विदेश से आए हैं तो आप अपनी जांच कराइए आप ठीक हो जाएंगे मेडिकल की टीम आपके हर सपोर्ट के लिए तैयार है आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है । मीडिया हाउसेस ने लेकिन उनके दिमाग में यह भर दिया कि वह एक ऐसी महामारी बीमारी के चंगुल में आ गए हैं कि वह एक चलते-फिरते ऑटोमेटिक बीमारी के बम हैआपको नहीं लगता है कि मीडिया हाउसेस की लगभग लगभग गलती है सिर्फ अपनी जेब भरने के लिएहर जगह हर लोगों में दहशत फैलाने का पूरा काम किया है लेकिन कहीं ना कहीं हमारी भी गलती है जो हम पूरा का पूरा विश्वास करते हैं इन मीडिया हाउस के चैनलों पर और आज यह तबलीगी जमात जैसे आयोजन भारत के हर व्यवस्था पर पानी फेरने का काम कर दिया है।
दोस्तों आपसे एक घना निवेदन है कि अपने घरों में रहे जब तक सरकार का आदेश जारी नहीं हो जाता कि आप बाहर निकले तब तक आप अपने घरों में ही रहे लॉक डाउन का पूरा पालन करें यकीन मानिए दोस्तों बहुत जल्दी हम कोरोनावायरस पर जीत हासिल कर लेंगे।
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